રવિવાર, 11 જૂન, 2017

मुझे तो " गांधीजी चतुर हिन्दू " लगते है ।





अमित शाह ने मोहनदास करमचंद गांधी को "चतुर बनिया" कहा और सहादत हसन मंटो का एक अफ़साना याद आ गया । अफ़साने का नाम था "शहीद साज़" ।
"मंटो के अफ़साने का नायक भी एक चतुर बनिया था । गुजरात के काठियावाड़ का एक बनिया । बटवारे के बाद पाकिस्तान चला गया । पाकिस्तान नया मुल्क था । तो प्रोपर्टी अलॉटमेंट में उसने खूब दौलत बटोरी । अब उसको नेकी का भुत चढ़ा । किसी गरीब को भीख देनी नहीं थी, किसी मज़लूम का इलाज नहीं कराना था । तो उसने आबादी घटाने के लिए नेकी का एक रास्ता अपनाया । रास्ता अजीब था । पर आबादी रोकने में कारगर और गरीब - मज़लूम को दोजख की ज़िन्दगी से निजाद दिलाने में कामयाब । इस्लाम में जब कोई भी इंसान हादसे में मरता है तो उसे शहीद का दर्ज़ा मिलता है । बस क्या ? उसने नेकी करने की ठानी । बस गरीब, मज़लूम, मज़दूर को को हादसों में शहीद करता रहा । "
यह अफ़साना क्यों याद आया । बात भी बड़ी रोचक है । गांधीजी चतुर बनीये थे । उसमे कोई शक नहीं । अमित शाह ने एक वजह गिनाई । बातें और भी है ।
१. गांधी इतना चतुर बनिया था की "अस्पुश्यता को कलंक बताया लेकिन वर्ण व्यवस्था को सही यह भी उसकी चतुराई थी जिसे से आज भी अस्पुश्यता खत्म नहीं हूई । "
२. गांधीजी खुद एक मुख्यमंत्री (दिवान) के सहजादे थे लेकिन जब एन.आर.आई. बनकर साऊथ अफ्रीका से लौटे तो भारत घुमे, गरीबो को देखा । खुद कपडे छोड़ धोती पहनली पर उन गरीबो को शूट पहनने का सपना दिखाने की बजाये अस्तेय का व्रत दिया ।
३. गांधी वह पहले इंसान थे जिन्होंने अन्याय करनेवालो का साथ दिया । वो भगतसिंह को बचा सकते थे लेकिन अंग्रेजो का साथ दिया । गांधीजी ने दलितों को अलग मतदार मंडल देने की बात पर डॉ.बाबासाहेब भीमराव आंबेड़कर के सामने अनसन कर मजबूर कर दिया के वो पुना पेक्ट समजोता करे ।
४. गांधीजी कही पे भी हिन्दू - मुस्लिम दंगा होता तो अनसन करके शांति की प्राथना करते लेकिन कभी भी दलित या आदिवासी पे हुए अत्याचार पर अनसन करा है वो मेने पढ़ा नहीं में गलत हो सकता हु ।
५. सबसे बड़ी बात आज के अमित शाह भी चतुर बनिए है । बडी चतुराई से "गांधी को चतुर बनिया कहा " मुझे तो " गांधीजी चतुर हिन्दू " लगते है । 

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હું મારી આસપાસ એવા ઘણા લોકોને ઓળખું છું જેઓએ જીવનની કોઈ મુશ્કેલી કે દુઃખ વેળાએ આત્મહત્યાનો પ્રયાસ કર્યો હોય... હું આ આપઘાતનો પ્રયાસ સાંભળ...